मन को मीत बनाना बेहद मुश्किल है
अपना साथ निभाना बेहद मुश्किल है
दुनिया की हर शय को पाना आसां है
बस इक ख़ुद को पाना बेहद मुश्किल है
अपना साथ निभाना बेहद मुश्किल है
दुनिया की हर शय को पाना आसां है
बस इक ख़ुद को पाना बेहद मुश्किल है
© ✍🏻 निकुंज शर्मा
गहन अँधेरों का डेरा है, एकाकी मन की चौखट पर उम्मीदों के दीप जलाकर, अँधियारों से दूरी कर दो चतुराई के हाथ लुटे हो जैसे राही भोले भाले मेरे नि...
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