Friday, January 24, 2025

मन्नतें

कभी होता नहीं है मन, तो बे-मन बाँध आता हूँ
कहीं हो जाए ना देवों से अनबन, बाँध आता हूँ
मुझे मालूम है बे-शक वो मेरा है मगर फिर भी 
शजर पर मन्नतें अपनी मैं रस्मन बाँध आता हूँ

© ✍🏻 निकुंज शर्मा

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